बहुत पहले, एक बाज (Hawk) एक पहाड़ी की चोटी पर रहता था व पहाडी के नीचले किनारे पर एक बरगद का पेड़ था, जिस पर एक कौवा (Crow) रहता था। कौवा बहुत ही मूर्ख (fool) था वह हर किसी की नकल करता था।
पहाड़ी (Hill) की चोटी के ऊपर बाज हर रोज भोजन की तलाश में उड़ता रहता था।
कौवा हमेशा यह देखता रहता था कि बाज हवा में घंटो ऊपर गोल-गोल चक्कर काटता और ज्योंही उसे नीचे कोई शिकार दिखाई देता, वह बहुत ही तेजी से नीचे की तरफ बढ़ता और शिकार को अपने पंजों में जकड़ (Clench) लेता।
बाज (Hawk) को जन्म से ही भगवान द्वारा ऐसी आँखें मिली थी कि वह काफी दूर से ही अपने शिकार को देख सकता था और उसे अपना लक्ष्य बनाकर उस पर हमला बोल सके।
कौवा (Crow) ने सोचा, अगर बाज ऐसा कर सकता है तो मै भी कर सकता हूँ। और उसने निश्चय किया कि एक दिन मैं बाज को दिखा दूंगा कि मैं भी बिल्कुल तुम्हारी ही तरह कर सकता हूँ।
कुछ दिनों बाद, कौवे ने बाज को हमेशा की तरह हवा में चक्कर लगाते देखा, ऐसा देख उसने भी ऐसा करने की सोची। अचानक से एक झाड़ी से एक खरगोश बाहर निकला। बाज ने उसको देखा और कौवे ने भी।
कौवा (Crow) के आगे बढ़ने से पहले ही, बाज तेजी से नीचे की तरफ गया और खरगोश (rabbit) को अपने मजबूत पंजों (Claws) में जकड़ कर दूर उड़ गया।
कौवे ने अपने आँखों के सामने बाज को शिकार के साथ आसमान में तेजी से गायब (disappear) होते देखा। कौवे ने गुस्से में बुदबुदाते हुए बोला – “इसमें कोई बहुत बड़ा करतब नहीं है।”
अगले ही पल कौवे ने एक बड़े मोटे चूहे (rat) को बिल से बाहर आते देखा। बिना समय बर्बाद किये कौवे ने बहुत ही तेजी से नीचे की तरफ उड़ान भरी। बाज की तरह कौवे ने भी चूहे को अपने पंजों में जकड़ने की कोशिश की।
इतने में चूहे ने कौवे को देख लिया और दूर भाग गया और कौवा सीधे चट्टान (Rock) से जा टकराया। “ईआईई” – कौवा जोर-जोर से दर्द के मारे कराहने (Groaning) लगा।
इतने में बाज (Hawk) उड़कर नीचे आ गया। और बाज ने कहा – “मुझे आशा है, अब तुम्हे यह पता चल गया होगा कि इस तरह से शिकार (Prey) करना इतना आसान नहीं है और यह नकल (imitation) करना भी आसान नहीं है,” इतना कहकर वह उड़ गया।
इस घटना के बाद कौवा (Crow) ने अपने पूरे जीवन में कभी भी किसी की नक़ल नहीं की और ईश्वर के द्वारा दी गयी क्षमताओं के साथ ख़ुशी-ख़ुशी अपनी पूरी जिंदगी बिताई।
कभी भी किसी के गुणों को देखकर खुद को कोसना (imprecate) नहीं चाहिए। और नहीं अपने परिवार के या किसी को भी किसी का उदाहरण (Example) दे कर यह कहना चाहिए की तुम उसको देखो या उसके जैसा बनो।
अपने को और सबको उनको उनकी खुद की प्रतिभा के हिसाब से विकसित करने और
जीने दें, आप देखेंगे की वो औरों से कही ज्यादा अच्छा कर रहे हैं।
एक उदाहरण – अगर हाथी (elephant) अपने बच्चे से बोले की बेटा तुम बाज की तरह उड़ना सीखो या बाज अपने बच्चे से बोले की बेटा तुम हाथी की तरह पेड़ों को एक ही झटके में गिरा दो, क्योंकि यह मेरा सपना था और मैं नहीं पूरा कर पाया तो मैं चाहता हूँ कि तुम इसे पूरा करो। तो क्या यह संभव है – बिलकुल भी नहीं।
चाहे हाथी या बाज कितनी भी कठिन मेहनत (hard work) कर लें, कितनी भी इच्छाशक्ति (Willpower) लगा लें – सब बेकार है।
क्योंकि मेहनत और इच्छाशक्ति भी तभी काम आती है जब वह सही दिशा में हों। इसलिए हमें दूसरों की बजाय अपने गुणों को पहचानना व देखना चाहिए।
पहाड़ी (Hill) की चोटी के ऊपर बाज हर रोज भोजन की तलाश में उड़ता रहता था।
कौवा हमेशा यह देखता रहता था कि बाज हवा में घंटो ऊपर गोल-गोल चक्कर काटता और ज्योंही उसे नीचे कोई शिकार दिखाई देता, वह बहुत ही तेजी से नीचे की तरफ बढ़ता और शिकार को अपने पंजों में जकड़ (Clench) लेता।
बाज (Hawk) को जन्म से ही भगवान द्वारा ऐसी आँखें मिली थी कि वह काफी दूर से ही अपने शिकार को देख सकता था और उसे अपना लक्ष्य बनाकर उस पर हमला बोल सके।
कौवा (Crow) ने सोचा, अगर बाज ऐसा कर सकता है तो मै भी कर सकता हूँ। और उसने निश्चय किया कि एक दिन मैं बाज को दिखा दूंगा कि मैं भी बिल्कुल तुम्हारी ही तरह कर सकता हूँ।
कुछ दिनों बाद, कौवे ने बाज को हमेशा की तरह हवा में चक्कर लगाते देखा, ऐसा देख उसने भी ऐसा करने की सोची। अचानक से एक झाड़ी से एक खरगोश बाहर निकला। बाज ने उसको देखा और कौवे ने भी।
कौवा (Crow) के आगे बढ़ने से पहले ही, बाज तेजी से नीचे की तरफ गया और खरगोश (rabbit) को अपने मजबूत पंजों (Claws) में जकड़ कर दूर उड़ गया।
कौवे ने अपने आँखों के सामने बाज को शिकार के साथ आसमान में तेजी से गायब (disappear) होते देखा। कौवे ने गुस्से में बुदबुदाते हुए बोला – “इसमें कोई बहुत बड़ा करतब नहीं है।”
अगले ही पल कौवे ने एक बड़े मोटे चूहे (rat) को बिल से बाहर आते देखा। बिना समय बर्बाद किये कौवे ने बहुत ही तेजी से नीचे की तरफ उड़ान भरी। बाज की तरह कौवे ने भी चूहे को अपने पंजों में जकड़ने की कोशिश की।
इतने में चूहे ने कौवे को देख लिया और दूर भाग गया और कौवा सीधे चट्टान (Rock) से जा टकराया। “ईआईई” – कौवा जोर-जोर से दर्द के मारे कराहने (Groaning) लगा।
इतने में बाज (Hawk) उड़कर नीचे आ गया। और बाज ने कहा – “मुझे आशा है, अब तुम्हे यह पता चल गया होगा कि इस तरह से शिकार (Prey) करना इतना आसान नहीं है और यह नकल (imitation) करना भी आसान नहीं है,” इतना कहकर वह उड़ गया।
इस घटना के बाद कौवा (Crow) ने अपने पूरे जीवन में कभी भी किसी की नक़ल नहीं की और ईश्वर के द्वारा दी गयी क्षमताओं के साथ ख़ुशी-ख़ुशी अपनी पूरी जिंदगी बिताई।
शिक्षा | Moral
भगवान ने सभी प्राणियों को अलग-अलग उनके हिसाब से अनोखी (unique) क्षमता दी हुयी है। इसलिए हमें ख़ुशी-ख़ुशी उसका अच्छे से उपयोग करना चाहिए और भगवान को सहृदय धन्यवाद करना चाहिए।कभी भी किसी के गुणों को देखकर खुद को कोसना (imprecate) नहीं चाहिए। और नहीं अपने परिवार के या किसी को भी किसी का उदाहरण (Example) दे कर यह कहना चाहिए की तुम उसको देखो या उसके जैसा बनो।
एक उदाहरण – अगर हाथी (elephant) अपने बच्चे से बोले की बेटा तुम बाज की तरह उड़ना सीखो या बाज अपने बच्चे से बोले की बेटा तुम हाथी की तरह पेड़ों को एक ही झटके में गिरा दो, क्योंकि यह मेरा सपना था और मैं नहीं पूरा कर पाया तो मैं चाहता हूँ कि तुम इसे पूरा करो। तो क्या यह संभव है – बिलकुल भी नहीं।
चाहे हाथी या बाज कितनी भी कठिन मेहनत (hard work) कर लें, कितनी भी इच्छाशक्ति (Willpower) लगा लें – सब बेकार है।
क्योंकि मेहनत और इच्छाशक्ति भी तभी काम आती है जब वह सही दिशा में हों। इसलिए हमें दूसरों की बजाय अपने गुणों को पहचानना व देखना चाहिए।
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